ये लाइफ है ना लाइफ
पता नहीं क्या है
कभी ये इतना कुछ देती है
की समेटने में नहीं आता
तो कभी
ये इतना कुछ ले लेती है
की फिर हमारे पास कुछ नहीं छोड़ती.
लाइफ में कभी कभी इतने इफ हो जाते
हैं की दिल कर जाता है उफ.
ये सब बातें ऐसी लगती हैं
की
सब कहने की हैं
पर कहीं ना कहीं
क्या ये सच नहीं हैं
की ये लाइफ हम से ऐसे ऐसे
कृत्य करवाती है की हम भी
एक बार सोचते हैं
की क्या सच में ऐसा
हमने ही किया है .
कहीं ना कहीं
सच कहूँ
तो मैं अभी नहीं जानता
की क्या लिख रहा हूँ
जब ध्यान आएगा तो जरुर सोचूंगा
की मैंने ये क्यूँ लिखा .
1 comment:
life aisi hi hai...
Post a Comment