Saturday 21 November 2009

सब सही है


यहाँ कोई गलत नहीं है
सब का अपना सोचना है
अगर मेरे लिए कोई सही नहीं है
तो किसी के लिए मैं सही नहीं हूँ.
इस दुनिया में अपनी कमियों को छिपाने के लिए 
हम दूसरों को बुरा बना देता है.
यहाँ कोई सही नहीं है यहाँ कोई झूठा नहीं है
पर यहाँ डर है यहाँ प्यार है
यहाँ वो है जो कहीं भी नहीं है.
मैं जानता हूँ की मैं जो हूँ 
मैं हूँ.
मेरे होने ना होने से कोई फर्क नहीं पड़ता 
पर पड़ता है क्यूंकि मैं तो मैं हूँ 
मैं प्यार करता हूँ नफरत करता हूँ
भुलाने की कोशिश करता हूँ 
पर सही तो नहीं है हैं ना
की सब भूल जाऊँ.
जानता हूँ सब सही नहीं है 
पर कैसे जाने दूँ अपने प्यारे को दूर .
जानता हूँ सब सही नहीं है 
पर फिर भी कोशिश जारी है 
की सब सही हो जाये 
होगा पर जानता हूँ की कुछ तो ऐसा होगा
कोई तो होगा जो करेगा सब सही.
बस नहीं चाहता हूँ किसी से नफरत करना लेकिन 
इन्सान हूँ सब सही नहीं कर सकता.
सब सही है इस दुनिया में फिर भी ..............................

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