Thursday 19 November 2009

मेरी भड़ास

इस छोटी सी दुनिया में में  बहुत से लोग मिलते हैं सच कहूँ तो टकराते हैं .मैं आज तक बहुत से लोगों से मिला हूँ ,कुछ लोग पसंद आये तो कुछ नापसंद, तो कुछ लोग ऐसे भी मिले जिनको मैं इस दुनिया का हिस्सा ही मानता .मतलब ये की वो इन्सान नहीं बल्कि किसी विक्षिप्त जगत से आये हैं .
ये लोग कहीं ना कहीं किसी ना किसी चीज़ में बहुत अच्छे होते हैं ,और उन अच्छी चीज़ों को लेकर वो ऐसे हो जाते हैं की राज ठाकरे बन जाते हैं . मैं ऐसे ही एक इन्सान से मिला जो अपने आप को कहता तो ये है की वो धर्म ,जाति,नस्ल में विश्वास नहीं रखता .विश्वास से अर्थ ये की वो भेदभाव नहीं करता .और ये सब उसकी बातों से झलकता भी है .लेकिन कहीं ना कहीं वो अपने आप को ही धोखा दे रहा होता है .
वो एक जाति को लेकर इतना ज्यादा विरोधी है की ,उसे लगता है की वो पागल हैं .वो इन्सान खुद अपनी जाति की जगह अपने राज्य की साही जाति का बताना पसंद करता है .और वो ये समझता है की हरियाणा में सिर्फ एक ही जाति बस्ती है .वो जो हरियाणा से है उसका दिमाग ही नहीं है,और ना जाने कितने आक्षेप .
मुझे तो सिर्फ उस इन्सान की बातों से एक ही सवाल कुंधता है की क्या ऐसे इन्सान हमारे समाज के लिए खतरनाक नहीं जो इन्सान को इन्सान नहीं समझते .और भी काफी कुछ है कहने को पर आगे बात कहीं ना कहीं निजी हो जाएगी .

@भड़ास 4 india

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