Wednesday 19 November 2008

जिंदगी जिंदगी जिंदगी

जिंदगी के रंग है हज़ार
जिंदगी में है रोना
जिंदगी में है खेलना
जिंदगी में है बचपना
जिंदगी में है पढ़ाई
जिंदगी में है डांट खाना
जिंदगी में है पिटाई खाना
जिंदगी में है मस्ती
जिंदगी में है फेल होना
जिंदगी में है पास होना
जिंदगी में है बहुत कुछ
जिंदगी में है प्यार
जिंदगी में है नशा
जिंदगी में है नफरत
जिंदगी में है गुस्सा
जिंदगी में है बदला
जिंदगी में है काम
जिंदगी में है कुछ खास
जिंदगी में धोखा है
जिंदगी में है मैं हूँ
जिंदगी में है वो है
जिंदगी में बहुत कुछ है
जिंदगी में जिंदगी हैं
जिंदगी में है दुत्कार है
जिंदगी में है जान है
जिंदगी में है मौत है
जिंदगी जिंदगी होते होते मौत हो जाती है
जिंदगी फिर भी चलती जाती है
जिंदगी जिंदगी जिंदगी

Tuesday 18 November 2008

my place in office


me and my laptop

चले जा रहा हूँ

चले जा रहा हूँ
कहीं अंत नही हैं
चला जा रहा हूँ अनंत में
कभी रुक सकूँ गा लगता नही है
कभी बैठ कर कुछ सौचुन्गा
लगता नही है
चले जा रहा हूँ


रुकना चाहता हूँ
पर रुकने का फायदा
रुकने का फायदा नज़र नही आता
नज़र है पुरी दुनिया की मेरे पर
पर , पर लगा कर उड़ जन चाहता हूँ
चाहता हूँ की अनंत सागर में तैरता ही चला जाऊँ
चले जा रहा हूँ
चलते ही जाना चाहता हूँ

Monday 17 November 2008

कुछ कम

कुछ तो कम है ज़िन्दगी में
सच में हमारी ज़िन्दगी
कभी भी पुरी नही हो सकती
कुछ न कुछ तो कम होता ही है
चाहे वो प्यार हो या फिर पैसा
या फिर सुख चैन
ज़िन्दगी सच में एक खेल है
हमेशा इसमे जीतते तो नही हैं
पर कईं बार कुछ पा कर
भी खुश हो जाते हैं
कुछ कम है ज़िन्दगी में
कुछ लोगों में दिमाग की कमी
तो कुछ में दिल की .
और जब दिल और दिमाग साथ न दें तो
फ़िर शायद ज़िन्दगी की कमी हो जाती है