Tuesday 17 November 2009

कुछ ना बोल पाया



बोल कर भी उससे कुछ ना बोल पाया
बता कर भी उसे कुछ ना बता पाया
जान कर भी उसे ना जान पाया
छु कर भी उसे छु ना पाया
ना जाने कहाँ से आई थी वो
और ना जाने कहाँ चली गयी
और मैं बस सोचता ही रह गया  I