आखों में हैं इंतज़ार, जोश और जूनून .
अब बारी है अफ्रीका की दिखने की जोश और जूनून
जून का महीना साल 2010
देखेगी पूरी दुनिया फुटबॉल का खेल ...
धन धना धन धन...धन धन
ये सिर्फ खेल नहीं ज़िन्दगी है
ये ज़िन्दगी नहीं ईमान है
ये फुटबॉल है
ये दिल में बस्ती है
दुनिया की आँखों में दिखती है
ये फुटबॉल है मेरी जान है ...
(छायाचित्र सौजन्य :- वर्ल्ड कप 2010 facebook )
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