दुनिया में सब से अलग होना
या कहूँ की दुनिया से थोडा सा भी अलग चलना
इस दुनिया के लोगों को अजीब लगता है
लगता है की ये तो हमारी बनाई इन रस्मों को चकना चूर कर देगा
अगर आप बदलने की कोशिश करते हैं तो
उल्टा आप पर ही हमले हो जाते हैं
ऐसे नहीं वैसे नहीं
ऐसा क्यूँ वैसा क्यूँ
ऐसे मत करो ये मत करो
ऐसे करोगे तो ये हो जायेगा
वैसा करोगे तो वो हो जायेगा
ऐ दुनिया वालों अपना भी दिमाग लगाने दो
इन्सान को की वो भी कहीं तुम्हारे जैसा
पुतला ना बन जाये.
2 comments:
very true..
dil se kahi bat...badhiya
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