Saturday, 16 January 2010

तन्हा तन्हा है सफ़र


तन्हा तन्हा है सफ़र
नज़र ना आता है यहाँ कोई हमसफ़र
एक ज़िन्दगी में आते लोग कईं हज़ार
उनमे से भी ना मिले कोई हमसफ़र
तन्हा तन्हा और होता जा रहा ये सफ़र

3 comments:

Unknown said...

हमसफ़र कोई मिल ही जाएगा
ऐ दोस्त
मत हो चिंताग्रस्त

वाह वाह

Saru Singhal said...

Beautiful...Your words reminded me of my college days...

Unknown said...

@saru ... thanks ... its my university story ...