Thursday, 22 May 2008

दुनिया की ......


दुनिया की ऐसी की तैसी ।
अब नही हैं डर
बोले कोई भी कुछ भी ।
पागल था मैं
जो आज  तक सुनता रहा
उन लोगों की बातें ।
अब नही है कोई मुश्किल
अब बस मैं ही मैं हूँ ।
बहुत हो गया हम
मैं भी तो कुछ हूँ
मैं भी बहुत कुछ है ।
दुनिया की तो ......