Monday 24 December 2007

रात इधर ढलती तो दिन उधर निकलता है
कोई यहाँ रुकता तो कोई वहां चलता है
दीप ऊ पतंगे में सिर्फ इतना है
एक जलके बुझता है,एक बुझ्के जलता है

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