बात कुछ अजीब सी ही लगती है दबंग और गरीब .पर हाँ मुझे लगता है की वो तो सच में गरीब है ,जिसको अपने गरीब साथियों की बहुत फ़िक्र है क्यूंकि उसने अपनी दबंग उन्ही लोगों क्या लिए ही तो बनाई है . सलमान खान एक पाकिस्तानी चैनल को दिए साक्षात्कार में बोलते हैं की २६/११ में जो भी मीडिया ने दिखाया वो इसलिए क्यूंकि वहां तो अमीर लोग मारे गरीब नहीं थे. मारे तो माध्यम वर्गीय लोग भी थे और मीडिया ने उतनी ही कोवेरगे नरीमन हाउस को भी दी थी जितनी उन होटल्स को. और होटल्स के अन्दर भी तो इन्सान ही थे .
हाँ ,शायद सलमान खान को वो लोग नहीं दिखे थे जिनको उन्होंने कुचल दिया था .वो भी शायद अमीर थे और वो हिरन भी बहुत अमीर थे जो की सलमान ने मारे थे.आखिर सलमान या कोई भी इन्सान दोगुला क्यूँ हो जाता है सिर्फ कुछ करने के लिए .ऐसा लगता है आज फिल्म वाले ,सत्ता वाले कुछ भी कर सकते हैं ख़बरों में आने के लिए . सलमान को शायद भारतीय मीडिया पर गुस्सा आता होगा जिसने एक सफल सितारे को अस्ल ज़िन्दगी का खलनायक बना दिया .
सलमान दबंग नहीं देशद्रोही प्रतीत होते हैं की वो एक पाकिस्तानी चैनल पर जा कर ऐसा कुछ बोलते हैं जो की किसी को भी देश्वाशी को मजूर नहीं होगा. और हमारे मुंबई का दबंग यानी की बाल ठाकरे को वो इन्सान देशद्रोही लगता है जो उनसे नहीं बल्कि देश से माफ़ी मांगता है .और वो नहीं जो की इतने सकत लहजे से माफ़ी मांगता है जैसे की देश पर कोई एहशान कर दिया हो.
1 comment:
achha likha hai aapne... aisa doglapan nahin hona chahiye...
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