Saturday, 14 November 2009

दोस्त ज़िन्दगी है


ज़िन्दगी में सबसे काम की चीज़ है दोस्ती
और जब दोस्त ,दोस्त को नहीं समझता
तो ज़िन्दगी, ज़िन्दगी नहीं रहती
दोस्त ना समझे तो फिर कौन समझे
और दोस्त मुंह मोड़ ले तो कहाँ जाया जाये
ना तो फिर कोई मंजिल है ना कोई दिशा
दोस्त ज़िन्दगी है

3 comments:

shvetilak said...

Ha dost jindgai hai
Per jaise jindagi har pal ek si nahi rahti
Usi tarah se har relation mein bhi utar chadav aate hai
Samjho jindagi ko
Nibhao dosti ko

Unknown said...

zindagi samjh hi to nahi aati ,har rista yahan chakar ghini hai .

संजय भास्‍कर said...

lajwaab rachna