चंद पल बिता न सके वो मेरे संग
एक दिन ही की तो बात थी
एक दिन ही की तो बात थी
दुख तो आज हो रहा है यारो
जो वो जनाजे में भी न आए
आखिर एक दिन ही तो बात थी
जो वो जनाजे में भी न आए
आखिर एक दिन ही तो बात थी
(ये पंक्तियाँ मेरे ब्लॉग साथी मलखान सिंह के ब्लॉग dunalee.blogspot.com से मैंने यहाँ share की हैं .)
1 comment:
मैं उनसे कुछ कह न सका
एक दिन की ही तो बात थी
lajwaab rachna
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