मैं शपत लेता हूँ की इस बार के चुनावी वादे केवल वादे ही नहीं होंगे , बल्कि उनमे होंगे पक्के इरादे .
इरादे … जो मिटा देंगे गरीबी का नामो निशान , इरादे जो देश को देंगे सुरक्षा
अब आटा चावल और दाल होगा सस्ता , मिलेगी बिजली 24 घंटे , नौकरी और corruption की नहीं होगी टेंशन और धार्मिक सहिष्णुता से देश होगा रोशन .
वादे वादे और फिर वादे .
साल दर साल होते हैं वादे और इलेक्शन जाते ही खोखले साबित होते हैं इरादे .
और अब समय है लोकसभा चुनाव 2009 का और खुल गयी है सुनो लेमन 91.9 fm की तीसरी आँख ......
क्या होगा इस बार .
क्या होगा वही हाल या फिर आएगा बदलाव जानिए चुनावी मुद्दे ,राजनीतिक गतिविधियाँ और जनता का फैसला .
सिर्फ और सिर्फ तीसरी आँख चुनाव पर .
(saurabh n sumit)
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